Padma Awards 2024 : केंद्र सरकार ने गुरुवार को पद्म पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट घोषित कर दी है। इस लिस्ट में 34 लोगों के नाम का चयन किया गया है, आपको बतादें कि पद्म पुरस्कारों भारत सरकार की ओर से प्रदान किए जाना वाला यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। वहीं इस घोषित लिस्ट में सबसे पहली देश की महिला महावत पारबती बरुआ नाम भी शामिल है।

जानें पद्म पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट
1- पारबती बरुआ
2- झारखंड की आदिवासी पर्यावरणविद् चामी मुर्मू
3- मिजोरम की सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा
4- झुलसे हुए पीड़ितों के लिए काम करने वाली प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज
5- अंतरराष्ट्रीय मल्लखंभ कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे
6- भारत के पहले सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम को विकसित करने वाले यज्दी मानेकशा इटालिया
7- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए काम करने वाले छत्तीसगढ़ के जोगेश्वर यादव
8- अनाथों और दिव्यांगों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हरियाणा के गुरविंदर सिंह
9- नवाचार पॉलीबैग विधि के माध्यम से पारंपरिक चावल की किस्मों को संरक्षित करने के लिए काम करने वाले केरल के सत्यनारायण बेलेरी
10- पर्यावरणविद् और वृक्षारोपण को करीब 5 दशक देने वाले पश्चिम बंगाल के दुखु माझी
11- जैविक कृषि के लिए काम करने वाली महिला किसान अंडमान और निकोबार की के चेल्लाम्मल
12- पारंपरिक चिकित्सा करने वाले छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी
13- अरुणाचल प्रदेश के यानुंग जमोह लेगो
14- कर्नाटक के सोमन्ना
15- असम के सरबेश्वर बसुमतारी
16- बिहार से शांति देवी पासवान और शिवन पासवान की जोड़ी
17- पश्चिम बंगाल के रतन कहार
18- बिहार के अशोक कुमार विश्वास
19- केरल के बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल
20- आंध्र प्रदेश की उमा माहेश्वरी डी
21- ओडिशा के गोपीनाथ स्वैन
22- त्रिपुरा की स्मृति रेखा चकमा
23- मध्य प्रदेश के ओमप्रकाश शर्मा
24- केरल के नारायणन ई पी
25- ओडिशा के भगवत पधान
26- पश्चिम बंगाल के सनातन रुद्र पाल
27- तमिलनाडु के बदरप्पन एम
28- सिक्किम के जॉर्डन लेप्चा
29- मणिपुर के मचिहान सासा
30- तेलंगाना के गद्दाम सम्मैय्या
31- राजस्थान के जानकीलाल
32- तेलंगाना के दसारी कोंडप्पा
33- उत्तर प्रदेश के बाबू राम यादव
34- पश्चिन बंगाल के नेपाल चंद्र सूत्रधार
जानें कौन हैं पद्म पुरस्कार विजेता पारबती बरुआ?
पद्म पुरस्कार विजेता पारबती बरुआ जो हाथियों को नियंत्रित करने वाली महावत, आपने महावतों में आमतौर पर पुरुष देखे होंगे, लेकिन पारबती बरुआ तमाम रूढ़िवादी विचारों को पीछे छोड़ते हुए देश की पहली महिला महावत बनीं। वैज्ञानिक तरीकों को अपनाते हुए उन्होंने मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में डटकर काम किया।

उन्होंने जंगली हाथियों से निपटने और उन्हें पकड़ने के लिए 3 राज्य सरकारों की सहायता की। 67 वर्षीय पारबती बरुआ एक संपन्न पृष्ठभूमि से आती हैं, इसके बावजूद उन्होंने एक साधारण जीवन जीना चुना और हाथियों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
आपको बतादें कि पारबती को महावत बनने की कला अपने पिता से मिली थी। उन्होंने 14 साल की उम्र में महावत के गुर सीखना शुरू कर दिया था, चार दशकों से ज्यादा के उनके अथक प्रयासों ने कई जंगली हाथियों के जीवन को बचाने और आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।